बीकानेर, 26 जून। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला बाल संरक्षण इकाई एवं जिला स्तरीय बाल श्रमिक टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को किशोर गृह, बालिका गृह एवं पुनर्वास गृह में आवासीय बच्चों के लिए मानसिक, शारीरिक एवं शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन करने के निर्देश दिए, जिससे बच्चे शिक्षा से जुड़ें तथा सामाजिक पुनर्वास के लिए प्रेरित हो सके। उन्होंने कहा कि संस्था स्तर पर बालकों एवं बालिकाओं को चालू शिक्षा सत्र में स्कूलों में नियमित अध्ययन के लिए दाखिल करवाया जाना सुनिश्चित करें। इन संस्थाओं में आवासित बच्चों की देखरेख एवं संरक्षण के लिए प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ कार्य किए जाए।
जिला कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह, बाल श्रम, नशा मुक्ति व पोक्सो एक्ट के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाया जाए।
जिला कलेक्टर ने जिला स्तरीय बाल श्रमिक टास्क फोर्स की प्रगति की समीक्षा करते हुए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टास्क फोर्स के सदस्यो को संयुक्त जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गो पर स्थित होटल, ढाबों, फैक्ट्री एवं अन्य संस्थानों का सघन निरीक्षण कर, दोषी नियोजकों के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बाल श्रम को रोकने के लिए पुनर्वासित बच्चों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
संयुक्त श्रम आयुक प्रदीप कुमार यादव ने गत तीन माह में टास्क फोर्स द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह में 5 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया एवं चार दोषी नियोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई।
बैठक में बाल अधिकारिता विभाग सहायक निदेशक अरुण शेखावत, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष एड. जुगल किशोर व्यास, सदस्य जनमेजय व्यास, हाजरा बानो, श्रम निरीक्षक हर्ष चौधरी एवं टास्क फोर्स के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।