पूर्व जन्म की एक दिव्या जीवात्मा भगवान कृष्ण की ग्वाल-पाल शखा नंदनी जी के रूप में इस नए जीवन के अवतरण में उन कि मधुर वाणी में कथा वाचन

बीकानेर राजस्थान
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बीकानेर  चीफ इन ब्यूरो जयसिंह चौहान के द्वारा 2 फ़रवरी 2025 बीकानेर की तपोभूमि जिसे  छोटी काशी के नाम से भी जानते हैं वहां पर तीन-चार दिनों से अन्तोदय नगर में माताजी मंदिर के प्रांगण में नंदिनी किशोर जी अपने दिव्य वाणी में भगवान कृष्ण की कथा वाचन का आध्यात्मिक आयोजन कर रही है जिसके तहत उन्होंने बताया कि उन्हें उनके परिवार से संस्कार मिलेओर आप ने मात्र 13 वर्ष कि अल्प किशोर अवस्था में उन्होंने कथा वाचन प्रारंभ किया आपने बताया कि 2016-17 में वह खाटू श्याम मंदिर के दर्शन के लिए गई थी वहां उन्होंने जया किशोरी जी को देखा उसे उनको प्रेरणा मिली कि मुझे भी इन के जैसा ही भगवान कृष्ण कि जीवन लीलाओं को आम जनता तक पहुंचना है आध्यात्मिक अलख जगह नी है जिसको आप ने अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया और उसके साथ-सा उनके पिताजी ने साक्षात्कार में बताया कि उनके घर का माहौल सनातन धर्म संस्कृति के अनुसार है और वह बीकानेर के श्री गंगानगर जिले में भगवान राधा वल्लभ धाम मंदिर मैं पूजा करते हैं तो इन नंदनी जी को बचपन से ही यह महोल मिला और परिवार में सनातन संस्कृति को देखा जिसे वह इन सब से प्रेरित ,प्रेरणा मिली लेकिन यहां पर यह सोचने का विषय है कि हर एक सनातन संस्कृति के घर में हर अपने अपने इष्ट देवता होते हैं उनको भी वही संस्कार मिलते हैं लेकिन इनके ऊपर भगवान कृष्ण की इतनी कृपा रही के जो भी यह सुनती हैं जो भी कथा वाचन जहां जाती हैं तो उनको बहुत जल्द स्मरण हो जाता है वह जिससे आप को अंदर से प्रेरणा मिली कि क्यों ना में भी धार्मिक रास्ते पर चलूं और आगे चलकर मानवता में सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करु और फिर उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा जीवन की प्रारंभ कर दी और इस वक्त उन्होंने बताया कि हर इंसान को अपने धार्मिक ईश्वर का प्रतिनिधित्व करते हुए धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए क्योंकि यह शरीर नश्वर है एक दिन इस शरीर को समाप्त होना है जो असली पूंजी है जो असली धन है वह है भगवान का नाम और उसका गुणगान जो हमें संचित करना चाहिए युवा वस्था को उन्होंने सर्वश्रेष्ठ बताया कि इस युवावस्था में ही वह ईश्वर का नाम जाप व ध्यान कर सकते हैं इस भूमंडल पर चार युग आए चार युग सत्य युग,द्वापर युग, त्रेता युग और कलयुग कलयुग में उन्होंने बताया कि देव व दानव ने एक ही भौतिक शरीर में जन्म ले लिया है दोनों बाहर नहीं यह कलयुग बहुत ही खतरनाक है क्योंकि वह आपके शरीर के अंदर ही जीवात्मा के साथ ही देवदान हो दोनों तत्व उत्पन्न होते हैं अब जैसे-जैसे आप भगवान की भक्ति करेंगे तो सतों गुण का उत्थान होगा और तमोगुण तामसिक शक्तियां जिसे हम दानव कहते हैं वह स्वत ही धीरे-धीरे शांत हो जाते है ईश्वर के नाम मैं इतनी शक्ति है।

 

इससे धार्मिक आयोजन को संचालित करने वाली प्रायोजित करने वाली कुसुम मैडम ने बताया की भगवा वस्त्र केवल ईश्वर की कृपा से संभव हुआ है मेरे में इतना समर्थन नहीं था और उन्होंने बताया कि यह 44 वा कथा का प्रोग्राम है जिसे मेरे द्वारा ठाकुर जी आयोजन करवा रहे हैं और आगे भविष्य में कुछ अलग हटकर के जो आज दिन तक नहीं हुआ कि हर वक्त कथावाचक कथा करते हैं इस बार हमारा उद्देश्य है कि हम 108 कान्हा ठाकुर जी को भागवत कथा सुनाएंगे जिसका आध्यात्मिक आयोजन बहुत विस्तृत विशाल रूप में होगा और उन्होंने बताया हमारा यह उद्देश्य है कि हम सनातन धर्म का प्रसाद सनातन प्रेमियों में बांटे व प्रसार करें और ईश्वर का प्रति रुझान उत्पन्न करें सोए हुए सनातन प्रेमियों को जगाने का प्रयास है।

इस अवसर पर योगेश कौशिक जी जो नंदिनी जी के पिता श्री है श्री गंगानगर से इन्होंने बताया 2019 में किशोरी जी ने पहली कथा की थी और 2013-14 के करीब किशोर जी को प्रेरणा हुई जैसा कि इन्होंने भी बताया की जया किशोरी जी से उनकी एक आध्यात्मिक की यात्रा के दौरान मुलाकात हुई जिससे उनको इस क्षेत्र में जाने की ओर जिज्ञासा जागृत हुई और साथ-साथ में फिर ऐसा ठाकुर की कृपा हुई के आगे से आगे रास्ते बांटे गए और इस क्षेत्र में आज है पूर्ण रूप से विशुद्ध रूप से कथावाचक के रूप में प्रतिष्ठित है और पूर्ण ध्यान आनंद में एक धारा प्रवाह कथावाचक करती है जो आपके सामने है अब तक यह 35 कथाएं कर चुके हैं जिसमें श्याम बाबा की कथा नानी बाई का मायरा श्री भागवत कथा और अब आगामी प्रोग्राम हमारा कोटा में जो राम कथा का है‌। और उन्होंने अपने साक्षात्कार में बताया कि जो हमने बीकानेर के बारे में सुना था कि बीकानेर छोटी काशी है आज यहां पर आने के बाद वास्तव में प्रत्यक्ष आंखों से देख रहे हैं यह वास्तव में छोटी काशी है यहां धार्मिक पार्वती के समस्त लोग हैं और विशेष कर छोटे-छोटे बच्चों को उन्होंने भगवान कृष्ण के संस्कृत श्लोक बोलते हुए सुना गायत्री मंत्र बोलते हुए सुना भगवान कृष्ण के संस्कृत श्लोक को छोटी-छोटी बच्चियों कॉन्टैक्ट बोल रही है यह इस बात का जीता जाता प्रमाण है कि यह बीकानेर की धरती छोटी काशी जो कपिल मुनि कोलायत जी धाम के नाम से भी विख्यात है वहां पर वास्तव में एक आनंद देखने को मिल रहा है छोटे-छोटे बच्चियों बच्चे इस प्रकार से आध्यात्मिक शक्ति स्रोत से भरे है यह अपने आप में बहुत दुर्लभ बात है , इस धरती को मैं नमन करता हूं और मेरे लिए सौभाग्य है कि हम जा तो कहीं और रहे थे प्रोग्राम करने प्रयागराज लेकिन कारण कुछ ऐसे बने कि वह प्रोग्राम तय होते हुए भी हमें उस प्रोग्राम को कैंसिल करके बीकानेर में ठाकुर जी की कृपा से प्रोग्राम संचालित करना पड़ा कुसुम मैडम के सानिध्य में उनके सहयोग से और उनकी पूरी टीम के सहयोग से हुवा एक अन्य भक्त श्रीमती चंद्रकांता जी ने भी बताया ऐसे धार्मिक आयोजन में भाग लेना चाहिए कथाएं सुननी चाहिए लेकिन सुनने से कुछ नहीं होगा उसे हमें अपने जीवन में भी उतरना है। दशकों में छोटी बच्चों में भूमि व गुंजन व प्रांजल ने बताया की बहुत अच्छा लगा और इससे हमारी धार्मिक भावना बढ़ती है और ऐसे आयोजनों मे हमें आना चाहिए भड चढ़ के भाग लेना चाहिए तो इसीसे धर्म के प्रति ज्ञान बढ़ता है। अनेक छोटी बच्चों ने भगवान कृष्ण के यदा यदा ही धर्मस्य ,का सलोक कंठस्थ सुनाया गायत्री मंत्र सुनाया, और अनेक संस्कृत श्लोक व भगवान कृष्ण के अन्य मंत्र सुना के इस आयोजन को और मंत्र मुग्ध कर दिया