*खरीफ सीजन को ध्यान में रखते हुए कृषि आदान निरीक्षक बीज, उर्वरक व कीटनाशी कृषि आदान के अधिकाधिक नमूने लेवें*
*खण्ड-। सी में कृषि व उद्यानिकी फसलों पर हिटवेव के प्रभाव की व्यापक कार्ययोजना बनाकर अनुसंधान की आवश्यकता-अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार*
बीकानेर, 26 मई। कृषि अनुसंधान केन्द्र, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में कृषि अनुसंधान विस्तार संवर्ग की तकनीकी कार्यशाला का आयोजन अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार त्रिलोक कुमार जोशी व खेमराज शर्मा संयुक्त निदेशक कृषि डब्ल्यूयूसी, कृषि आयुक्तालय जयपुर के आतिथ्य व क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ एच एल देशवाल की अध्यक्षता में हुआ। मासिक तकनीकी कार्यशाला में खण्ड बीकानेर के कृषि, उधानिकी, आत्मा के वरिष्ठ अधिकारी गण व विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक गणों व केवीके प्रभारी समस्त ने भाग लिया। मासिक तकनीकी कार्यशाला में माह जून में की गए कृषि क्रियाओं की प्रगति पर समीक्षा की गई। आगामी माह जूलाई में कृषकों द्वारा की जाने वाली कृषि व उद्यानिकी तकनीकी पर विस्तार से चर्चा की गई। माह मई-जून हिटवेव से विभिन्न फसलों व फलों के उत्पादन व गुणवत्ता पर क्या प्रभाव रहेंगा इस पर विस्तृत विश्लेषण किया जाना व व्यापक कार्ययोजना बनाकर अनुसंधान करना आने वाले समय की आवश्यकता है। आगामी खरीफ सीजन के मध्यनजर विभिन्न फसलों की पैकेज ऑफ प्रेक्टिसेज पर विस्तार से चर्चा की गई। इस परिचर्चा में कृषि वैज्ञानिक डा. राजेन्द्र राठौड़, डा एस पी सिंह, डॉ हनुमान देशवाल, डॉ बी डी एस नाथावत, डॉ अमर सिंह गोदारा व विभागीय अधिकारी संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी, उप निदेशक जय दीप दोगने, सहायक निदेशक मुकेश गहलोत, मीनाक्षी शर्मा, राजेश गोदारा, सुरेन्द्र मारू, प्रेमाराम, राजूराम डोगीवाल, सुभाष बिशनोई, भैराराम गोदारा, प्रदीप चौधरी, कृषि अधिकारी विजय कुमार, जोधराज, ममता, कविता, मामराज, सोमेश तंवर इत्यादि ने भाग लिया।