बीकानेर संवाददाता। मुकुंद खंडेलवाल।
बीकानेर, 27 जनवरी। रोटरी क्लब बीकानेर सुप्रीम एवं इंडियन नेशनल ट्रस्ट फोर आर्ट एण्ड कल्चर हेरीटेज (इंटेक) के संयुक्त तत्वावधान में इंटेक हेरिटेज दिवस के उपलक्ष में शनिवार को रोटरी क्लब परिसर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि इतिहासवेता एवं शिक्षाविद् जानकीनाराण श्रीमाली ने कहा कि हमारे यहां का लोकजीवन विरासत का अदभूत खजाना है। मरु प्रदेश जांगल की राजधानी रहा है, उन्होंने रातीघाटी के युद्ध की चर्चा करते हुए उसका ऐतिहासिक महत्व बताया। यहां के लोक जीवन में घुमंतू जातियों, शादी विवाह की परम्पराओं को महान उतराधिकारी बताया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंटेक के मनमोहन कल्याणी ने कहा कि हेरिटेज एक व्यापक विषय है जिसमें पुरातत्व हवेलियां स्मारक एवं भवन कला के साथ-साथ जीव जन्तु, वनस्पति, कला साहित्य एवं संस्कृति के विभिन्न पहलूओं को शामिल किया गया है। इंटेक के कन्वीनर पृथ्वीराज रतनू ने कहा कि आज इंटेक के स्थापना दिवस पर बीकानेर में हेरिटेज के विषय पर विभिन्न विद्वानों सारगर्भित संवाद प्रस्तुत किया है इससे इंटेक को बीकानेर में हेरिटेज के संरक्षण बाबात उपायों को मजबूती से लागू करने में मदद मिलेगी।
डॉ. किशनलाल बिश्नोई ने बीकानेर संत साहित्य एवं परम्परा पर विस्तृत चर्चा की, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत ने प्राचीन राजस्थानी भाषा के कवियों की जानकारी दी। प्रबुद्ध साहित्यकार रवि पुरोहित ने मेहा रामायण पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि राम मूल्य और विचारों के रूप में सदैव प्रेरित करते हैं। पर्यावरणविद् ओमप्रकाश शर्मा ने बीकानेर में पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा करते हुए इस क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियों के बारे में बताया।
श्रीमती सुधा आचार्य ने राजस्थान में लोक गीतों की परम्परा और पशु पक्षियों के संरक्षण पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ साहित्यकार श्री राजेन्द्र जोशी ने बीकानेर के पुस्तकालयों की जानकारी देते हुए शोध और साहित्य की परम्पराओं का आगे बढ़ाने का आह्वान करते हुए इसे एक आन्दोलन का रूप दिया जावे। डॉ. फारुख ने कहा कि आधुनिक बीकानेर की स्थापना में रियासतकालीन योगदान की विस्तृत चर्चा की।
रोटरी क्लब के अध्यक्ष रोटे हरीश कोठारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। संगोष्ठी में इंटेक सदस्य मोहनलाल जांगिड, दिनेश सक्सेना, डॉ. चक्रवर्ती श्रीमाली, अमरसिंह, रमेश शर्मा सहित गणमान्य लोग उनस्थित थे।