मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी फंडिंग के मुख्य संदिग्ध लोगों के ठिकानों पर ईडी का छापा

बीकानेर राजस्थान
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लीड इंडिया न्यूज़

बीकानेर , सितंबर 2025। में परिवर्तन निदेशालय ईडी ने सीआरपीएफ टीम के करीब अनेकों जवानों के साथ बीकानेर में चार लोगों के ठिकानों पर घेराबंदी की जिसमें मुख्य स्थान धोबी तलाई की गली नम्बर 2 में स्थित मोहम्मद सद्दीक  बताया जाता है। और इसी कार्रवाई मे फंड बाजार के पठानों की मस्जिद वाली गली में असगर अली, सुभाष पुरा में कांग्रेस के पूर्व पार्षद जावेद और सर्वोदय बस्ती में साबिर की ठिकानों पर घेराबंदी की व कारवाही के लिए पहुंचे और सर्च अभियान शुरू किया इन चारों लोगों के घरो के आसपास गली में सीआरपीएफ के हथियारबंद जवान तैनात रहे। इस कार्रवाई में मुख्य रूप से धोबी तलाई की गली नंबर 2 में रहने वाला  मोहम्मद सद्दीक को बताया जा रहा है ।जो लगभग 3 साल पहले रेलवे ग्राउंड के पास एक बहु, चर्चित घटनाक्रम में माली समाज का क्रिकेट मैच देखकर लौट रहे तेजकरण माली उर्फ (तेजू माली) और प्रकाश सोलंकी पर जानलेवा हमला किया था। जिसके बाद से यह  मोहम्मद सद्दीक अनेक जांच एजेंटीयों की निगाहों में चढ़ गया था। इस हमले के दौरान एक राय होकर पहुंचे आरोपी के भाईयों व इन लोगो के साथियों ने बीकानेर के सोहन कोठी के पास स्थित दुबई दरबार के नाम से चल रही चिकन कॉर्नर दुकान के स्वामित्व पार्टनरशिप विवाद की अनमनी और एक धार्मिक कॉमेंट्स की रंजिश के कारण तेजू माली और प्रकाश सोलंकी पर जानलेवा हमला किया था। उस समय इस घटनाक्रम के विरोध में अनेक व्यापारियों ने और अनेक संगठनों ने ऐसे अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग पर अपने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान एक दिन के बन्द किए थे। जानकार सूत्रों से पता चला है ।कि इसका अनेक इस्लामिक कंट्रीयो में आना जाना रहा था और रानी बाजार स्थित एक धार्मिक स्थान की जमीन लाखों में खरीदना ,व कब्जा करने के साथ-साथ गंगाशहर पुलिस थाने में ।  मोहम्मद सद्दीक के ऊपर धर्म परिवर्तन कराने का एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था। और बहु चर्चित रेलवे ग्राउंड मैदान के पास जानलेवा हमले का मुकदमा 3 जनवरी 2022 में कोट गेट पुलिस थाने में दर्ज हुआ था।इस मामले की जांच में अवैध हथियारों , रूपयों का लेनदेन सहित अनेक चौंकाने वाले जानकारियां सामने आई थी । उसके बाद से सदिक और उससे जुड़े संदिग्ध लोग पुलिस व सरकारी गुप्तचर ,व अन्य एजेंसियों के निगरानी में थे। और इस कार्य वाहि का मुख्य आधार भी यही रहा है । जांच एजेंसी ने काफी समय से उनकी गतिविधियों उनके लेनदेन पर पेनी नजर रखते हुए कुछ ठोस जानकारी के हाथ लगने के बाद एक साथ शहर के चारों जगह छापेमारी की और इस कार्य में ईडी के अधिकारी अपने साथ सीआरपीएफ के हथियारबंद जवानों की फौज लेकर पहुंचे बाद में संबंधित पुलिस थानों के S.H.O रैंक के अधिकारियों को कुछ समय अपने साथ रखा लेकिन इस संवेदनशील कार्य वाही से उन को पूरी तरह अलग रखा।