बीकानेर प्रधान संपादक। इस्लामी कैलेण्डर के अनुसार हर साल आखिरी माह। के जूँ अल हजा की दसवीं तारीख को बकरा ईद का पर्व मनाया जाता है। इस साल बकरा ईद 17 जून 2000 24 को मनाई जा रही है पैगंबर हजरत इब्राहिम से ही कुर्बानी देने की प्रथा से शुरू हुआ था। इस दिन सूर्योदय के बाद नमाज़ अदा करने के बाद बकरे की कुर्बानी दी जाती है।
ऐसे में बीकानेर शहर में जगह जगह बकरा मंडी सजनी शुरू हो गई है। बीकानेर की पूगल रोड के पास गजनेर ओवरब्रिज के नीचे यहाँ बकरा मंडी सजने लगीहें। यहाँ बीकानेर जिले के कई बकरा पालक है, जो दूर दूर से आते हैं और वे यहाँ बकरे बेचने के लिए सोलियत से पहुँच जाते हैं। वे यहाँ कई नस्लों के बकरे लेकर आते है बकरा पालक बताते हैं कि वे बकरों को बेचने के साथ उनको खरीदार के सही मोल भाव के साथ ही वे इन बकरों को देंगे। वे यहाँ तीन तरह की नस्ल के बकरे लेकर आए हैं। इनमें पंजाबी, सिंधी, तोता जाती के होते हें बकरे इनमें ये सभी नस्ल के बकरे होते ह कि इन बकरो को पालने के लिए काफी खर्चा आता है। इस वजह से इनके दाम भी काफी ऊंचे हैं। वे बताते हैं कि वे यहाँ 10,000 से लेकर 40,000 तक के बकरे हैं। वे बकरों को कई ऐसे पदार्थ खिलाते हैं जिससे वे बकरी स्वस्थ खांसे लंबे चौड़े रहते हैं। साथ ही वे यहाँ बकरों के लिए खाने पीने का सामान भी लेकर आए हैं, जिससे वे इन बकरों को खाना पीना भी पूरी तरह करवा सके। वे बताते हैं कि यहाँ लोग आते हैं खरीदारी करने के लिए लेकिन कई बार तो मोल भाव के कारण खरीदार नहीं ले पाते हैं। इस वजह से वे बकरों को बिना बेचे हि जाना पडता हें