समाज में बेटा,बेटी एक समानता का दिया संदेश
सीकर। समाज के बदलते परिवेश और शिक्षा से आई जागरूकता के कारण अब रूढ़िवादी परम्पराएं धीरे—धीरे समाप्त होने लगी है। जहां पहले बेटियों को समाज में बोझ समझा जाता था वहीं अब शिक्षा व जाग्रति से जनता की सोच में बदलाव आना शुरू हो गया है। इसका एक जीता जागता उदाहरण ग्राम हरदयालपुरा में देखेने को मिला। जहां पर दीपक नायक ने अपनी पुत्री सरिता को घोड़ी पर बैठाकर बैंड—बाजे के साथ बिन्दौरी निकाली। वहीं समाज में बेटा,बेटी एक समानता का संदेश दिया। आपकों बतां दे कि बेटी सरिता ने अपने परिवार से घोड़ी पर बैठकर बिन्दौरी निकालने की इच्छा जाहिर की थी । जिस पर लाडो सरिता के चाचा — चाची सुरेश कुमार नायक — किरण देवी, विनोद नायक — मधु देवी, राकेश नायक — कोमल देवी ने लाडो की इच्छा पर घोड़ी पर बैठाकर बिंदोरी निकालकर समाज में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश भी दिया है।
परिवारजनों ने बताया कि समाज में बेटा, बेटी में भेदभाव को खत्म करने की दिशा में यह सकारात्मक पहल है। वहीं ग्रामीणों ने परिवार की इस पहल का स्वागत किया है, बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए समाज के हर परिवार को आगे आना चाहिए।
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