शनिवार 4 नवंबर की सुबह करीब 8 बजे अगले दिन यानी रविवार, 5 नवंबर की सुबह 10 बजे तक पुष्य नक्षत्र रहेगा। दीपावली (12 नवंबर) से पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र खरीदारी और नए काम की शुरुआत के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, इस साल शनि पुष्य और रवि पुष्य दोनों ही रहेंगे। पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि है। शनिवार को पुष्य नक्षत्र है और इसका स्वामी शनि अपनी राशि कुंभ में स्थित है। शनि अभी वक्री है और 4 नवंबर से शनि मार्गी हो जाएगा। इस वजह से शनि का प्रभाव बढ़ेगा। रविवार को पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। ये दोनों ही दिन धर्म-कर्म के नजरिए से भी बहुत शुभ हैं।
जो लोग नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए पुष्य नक्षत्र लाभदायक रहता है। 4 नवंबर को शनि और चंद्र अपनी-अपनी राशि में रहेंगे, इस कारण इस योग का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
राशि अनुसार जानिए पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदें
मेष- जमीन, मकान, खेती से जुडे उपकरण, वाहन खरीद सकते हैं।
वृषभ- अनाज, कपड़ा, चांदी, चावल, सौंदर्य सामग्री, इत्र, मिठाई, वाहन के पार्ट्स खरीद सकते हैं।
मिथुन- सोना, कागज, लकड़ी, पीतल, गेंहू, दालें, कपड़ा, स्टील, सौंदर्य सामग्री, तेल, पशु, पूजन सामग्री, वाद्य यंत्र।
कर्क- चांदी, चावल, कपड़ा बनाने वाली कंपनियों के शेयर, अनाज, लकड़ी, आधुनिक उपकरण, बच्चों के खिलौने।
सिंह- सोना, गेंहू, कपड़ा, औषधियां, रत्न, सौंदर्य सामग्री, इत्र, जमीन-जायदाद।
कन्या- सोना, औषधियां, केमिकल, खेती के उपकरण।
तुला- लोहा, सीमेंट, स्टील, दवाइयां, केमिकल, कपड़ा, कंप्यूटर, कैमरे, टीवी।
वृश्चिक- जमीन, मकान, दुकान, खेती, रत्न, खेती और मेडिकल के उपकरण, पूजन सामग्री, कागज, कपड़े।
धनु- आभूषणों, रत्न, सोना, अनाज, कपास, चांदी, चावल, औषधियां, सौंदर्य सामग्री, मिठाई।
मकर- लोहा, केबल, तेल, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, खेती उपकरण, वाहन, कपड़े, इत्र, सौंदर्य सामग्री।
कुंभ- लोहा, इस्पात, केबल, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, खेती उपकरण, वाहन, इत्र।
मीन- आभूषण, रत्न, सोना, अनाज, कपास, चांदी, चावल, औषधियां, सौंदर्य सामग्री।