निराले बाबा) के पावन सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ भगवान की विशेष भक्ति का कार्यक्रम रखा गया।

बीकानेर
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दिनांक  संवाददाता मुकुंद खंडेलवाल
बीकानेर गंगाशहर में जैन आचार्य दिव्यानंद सूरीश्वर जी महाराज साहब (निराले बाबा) के पावन सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ भगवान की विशेष भक्ति का कार्यक्रम रखा गया।
राष्ट्रसंत दिव्यानंद महाराज साहब निराले बाबा ने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि
स्वाभिमान धर्म का असली प्राण है इसके अभाव में की गई साधना मुर्दे को शृंगार कराने के समान है उक्त विचार राष्ट्रसंत दिव्यानंद सूरीश्वर महाराज( निराले बाबा) ने संबोधित करते कहा कि जिसमें देश कौन जाति का स्वाभिमान नहीं धार्मिक तो क्या इंसान भी नहीं हो सकता है
उन्होंने कहा कि स्वाभिमान की सूखी रोटी भी पांच पकवान से बढ़कर है स्वाभिमान को आत्मसात करके ही महापुरुष बने हैं ऊंचाई को छुआ है
निराले बाबा ने कहा कि स्वाभिमान खोकर मिलने वाला पंच पकवान सोने चांदी के महल सत्ता और संपत्ति भी जहर से ज्यादा खतरनाक है
राष्ट्रसंत ने स्वाभिमान और अभिमान में जमीन आसमान का अंतर बताते हुए कहा कि जहां स्वार्थ के लिए लड़ता है वह अभिमान होता है परमार्थ के लिए संघर्ष करता वहा स्वाभिमान होता है।
जैन संत ने बताया कि स्वाभिमान की रक्षा के लिए तन मन धन सब कुछ हंसते-हंसते न्योछावर करने को तैयार रहता है वही सच्चा धार्मिक है।
विनोद सिपाणी ने हृदय की गहराईयो से शब्दकोश में से शब्दो की माला पिरोते हुए आदर की चादर रूपी माला से अभिनंदन किया ओर कहा कि दिव्यानंद सूरीश्वर महाराज साहब ने जो कहा कि महावीर भगवान के दर्शन से आज जीवन बदल सकते है।
इस अवसर पर सोहन कोचर, जयचंद लाल बोथरा, किरण चंद सिपाणी, शांति लाल बैद, राम नारायण प्रजापत, शिखर चंद सिपाणी, पान मल मिनी, जितेन्द्र सिपाणी, लहर चंद सिपाणी, झँवर लाल बैद, भँवर लाल सिंघी विपन सिरोहिया, पवन अग्रवाल आदि अनेकानेक भक्त गण मौजूद थे।
कार्यक्रम संचालक कर्ता विशाल नाहटा ने बताया कि शुक्रवार को 9 फरवरी को माता श्री पद्मावती देवी का गंगाशहर में प्रथम बार महामस्तक अभिषेक का कार्यक्रम सुबह 10 बजे कार्यक्रम, रखा।जिसमें 56 प्रकार के प्रसाद भोग लगाया जायेगा।
कार्यक्रम सिपाणियो के मोहल्ले में होगा।
इससे पूर्व भक्तामर स्तोत्र पाठ का परायण झँवर लाल बैद के निवास स्थान पर सुसम्मपन्न हुआ।